किसी ने चाणक्य से पुछा..”ज़हर क्या है”..?
चाणक्य ने बहुत सुन्दर जबाब दिया !!
“हर वो चीज़ जो ज़िन्दगी में
आवश्यकता से अधिक होती है वही ज़हर है !!n
फ़िर चाहे वो ताक़त हो, धन हो, भूख हो, लालच हो, अभिमान हो, आलस हो, महत्वकाँक्षा हो, प्रेम हो या घृणा..
आवश्यकता से अधिक
“ज़हर” ही है
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