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गुरुवार, १० डिसेंबर, २०१५

आपली संस्कृति

पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं
1. युधिष्ठिर    2. भीम    3. अर्जुन
4. नकुल।      5. सहदेव

( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )

यहाँ ध्यान रखें कि… पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन
की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव की माता माद्री थी ।

वहीँ …. धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र…..
कौरव कहलाए जिनके नाम हैं
1. दुर्योधन      2. दुःशासन   3. दुःसह
4. दुःशल        5. जलसंघ    6. सम
7. सह            8. विंद         9. अनुविंद
10. दुर्धर्ष       11. सुबाहु।   12. दुषप्रधर्षण
13. दुर्मर्षण।   14. दुर्मुख     15. दुष्कर्ण
16. विकर्ण     17. शल       18. सत्वान
19. सुलोचन   20. चित्र       21. उपचित्र
22. चित्राक्ष     23. चारुचित्र 24. शरासन
25. दुर्मद।       26. दुर्विगाह  27. विवित्सु
28. विकटानन्द 29. ऊर्णनाभ 30. सुनाभ
31. नन्द।        32. उपनन्द   33. चित्रबाण
34. चित्रवर्मा    35. सुवर्मा    36. दुर्विमोचन
37. अयोबाहु   38. महाबाहु  39. चित्रांग 40. चित्रकुण्डल41. भीमवेग  42. भीमबल
43. बालाकि    44. बलवर्धन 45. उग्रायुध
46. सुषेण       47. कुण्डधर  48. महोदर
49. चित्रायुध   50. निषंगी     51. पाशी
52. वृन्दारक   53. दृढ़वर्मा    54. दृढ़क्षत्र
55. सोमकीर्ति  56. अनूदर    57. दढ़संघ 58. जरासंघ   59. सत्यसंघ 60. सद्सुवाक
61. उग्रश्रवा   62. उग्रसेन     63. सेनानी
64. दुष्पराजय        65. अपराजित
66. कुण्डशायी        67. विशालाक्ष
68. दुराधर   69. दृढ़हस्त    70. सुहस्त
71. वातवेग  72. सुवर्च    73. आदित्यकेतु
74. बह्वाशी   75. नागदत्त 76. उग्रशायी
77. कवचि    78. क्रथन। 79. कुण्डी
80. भीमविक्र 81. धनुर्धर  82. वीरबाहु
83. अलोलुप  84. अभय  85. दृढ़कर्मा
86. दृढ़रथाश्रय    87. अनाधृष्य
88. कुण्डभेदी।     89. विरवि
90. चित्रकुण्डल    91. प्रधम
92. अमाप्रमाथि    93. दीर्घरोमा
94. सुवीर्यवान     95. दीर्घबाहु
96. सुजात।         97. कनकध्वज
98. कुण्डाशी        99. विरज
100. युयुत्सु

( इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहनभी थी… जिसका नाम""दुशाला""था,
जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था )

"श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में

ॐ . किसको किसने सुनाई?
उ. श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।

ॐ . कब सुनाई?
उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।

ॐ. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उ.- रविवार के दिन।

ॐ. कोनसी तिथि को?
उ.- एकादशी

ॐ. कहा सुनाई?
उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।

ॐ. कितनी देर में सुनाई?
उ.- लगभग 45 मिनट में

ॐ. क्यू सुनाई?
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।

ॐ. कितने अध्याय है?
उ.- कुल 18 अध्याय

ॐ. कितने श्लोक है?
उ.- 700 श्लोक

ॐ. गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।

ॐ. गीता को अर्जुन के अलावा
और किन किन लोगो ने सुना?
उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने

ॐ. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उ.- भगवान सूर्यदेव को

ॐ. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उ.- उपनिषदों में

ॐ. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।

ॐ. गीता का दूसरा नाम क्या है?
उ.- गीतोपनिषद

ॐ. गीता का सार क्या है?
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना

ॐ. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574
अर्जुन ने- 85
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 40.

अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद

अधूरा ज्ञान खतरना होता है।

33 करोड नहीँ  33 कोटी देवी देवता हैँ हिँदू
धर्म मेँ।

कोटि = प्रकार।
देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है,

कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता।

हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं...

कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मे :-

12 प्रकार हैँ
आदित्य , धाता, मित, आर्यमा,
शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष,
सविता, तवास्था, और विष्णु...!

8 प्रकार हे :-
वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।

11 प्रकार है :-
रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक,
अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,
रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।

एवँ
दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार।

कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी

अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है
तो इस जानकारी को अधिक से अधिक
लोगो तक पहुचाएं। ।

१ हिन्दु हाेने के नाते जानना ज़रूरी है

This is very good information for all of us ... जय श्रीकृष्ण ...

अब आपकी बारी है कि इस जानकारी को आगे बढ़ाएँ ......

अपनी भारत की संस्कृति
को पहचाने.
ज्यादा से ज्यादा
लोगो तक पहुचाये.
खासकर अपने बच्चो को बताए
क्योकि ये बात उन्हें कोई नहीं बताएगा...

  दो पक्ष-

कृष्ण पक्ष ,
शुक्ल पक्ष !

  तीन ऋण

देव ऋण ,
पितृ ऋण ,
ऋषि ऋण !

   चार युग -

सतयुग ,
त्रेतायुग ,
द्वापरयुग ,
कलियुग !

  चार धाम -

द्वारिका ,
बद्रीनाथ ,
जगन्नाथ पुरी ,
रामेश्वरम धाम !

   चारपीठ -

शारदा पीठ ( द्वारिका )
ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम )
गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) ,
शृंगेरीपीठ !

चार वेद

ऋग्वेद ,
अथर्वेद ,
यजुर्वेद ,
सामवेद !

  चार आश्रम

ब्रह्मचर्य ,
गृहस्थ ,
वानप्रस्थ ,
संन्यास !

चार अंतःकरण -

मन ,
बुद्धि ,
चित्त ,
अहंकार !

  पञ्च गव्य -

गाय का घी ,
दूध ,
दही ,
गोमूत्र ,
गोबर !

  पञ्च देव -

गणेश ,
विष्णु ,
शिव ,
देवी ,
सूर्य !

पंच तत्त्व -

पृथ्वी ,
जल ,
अग्नि ,
वायु ,
आकाश !

  छह दर्शन -

वैशेषिक ,
न्याय ,
सांख्य ,
योग ,
पूर्व मिसांसा ,
दक्षिण मिसांसा !

  सप्त ऋषि -

विश्वामित्र ,
जमदाग्नि ,
भरद्वाज ,
गौतम ,
अत्री ,
वशिष्ठ और कश्यप!

  सप्त पुरी -

अयोध्या पुरी ,
मथुरा पुरी ,
माया पुरी ( हरिद्वार ) ,
काशी ,
कांची
( शिन कांची - विष्णु कांची ) ,
अवंतिका और
द्वारिका पुरी !

  आठ योग -

यम ,
नियम ,
आसन ,
प्राणायाम ,
प्रत्याहार ,
धारणा ,
ध्यान एवं
समािध !

आठ लक्ष्मी -

आग्घ ,
विद्या ,
सौभाग्य ,
अमृत ,
काम ,
सत्य ,
भोग ,एवं
योग लक्ष्मी !

नव दुर्गा -

शैल पुत्री ,
ब्रह्मचारिणी ,
चंद्रघंटा ,
कुष्मांडा ,
स्कंदमाता ,
कात्यायिनी ,
कालरात्रि ,
महागौरी एवं
सिद्धिदात्री !

   दस दिशाएं -

पूर्व ,
पश्चिम ,
उत्तर ,
दक्षिण ,
ईशान ,
नैऋत्य ,
वायव्य ,
अग्नि
आकाश एवं
पाताल !

  मुख्य ११ अवतार -

मत्स्य ,
कच्छप ,
वराह ,
नरसिंह ,
वामन ,
परशुराम ,
श्री राम ,
कृष्ण ,
बलराम ,
बुद्ध ,
एवं कल्कि !

बारह मास -

चैत्र ,
वैशाख ,
ज्येष्ठ ,
अषाढ ,
श्रावण ,
भाद्रपद ,
अश्विन ,
कार्तिक ,
मार्गशीर्ष ,
पौष ,
माघ ,
फागुन !

  बारह राशी -

मेष ,
वृषभ ,
मिथुन ,
कर्क ,
सिंह ,
कन्या ,
तुला ,
वृश्चिक ,
धनु ,
मकर ,
कुंभ ,
कन्या !

बारह ज्योतिर्लिंग -

सोमनाथ ,
मल्लिकार्जुन ,
महाकाल ,
ओमकारेश्वर ,
बैजनाथ ,
रामेश्वरम ,
विश्वनाथ ,
त्र्यंबकेश्वर ,
केदारनाथ ,
घुष्नेश्वर ,
भीमाशंकर ,
नागेश्वर !

पंद्रह तिथियाँ -

प्रतिपदा ,
द्वितीय ,
तृतीय ,
चतुर्थी ,
पंचमी ,
षष्ठी ,
सप्तमी ,
अष्टमी ,
नवमी ,
दशमी ,
एकादशी ,
द्वादशी ,
त्रयोदशी ,
चतुर्दशी ,
पूर्णिमा ,
अमावास्या !

स्मृतियां -

मनु ,
विष्णु ,
अत्री ,
हारीत ,
याज्ञवल्क्य ,
उशना ,
अंगीरा ,
यम ,
आपस्तम्ब ,
सर्वत ,
कात्यायन ,
ब्रहस्पति ,
पराशर ,
व्यास ,
शांख्य ,
लिखित ,
दक्ष ,
शातातप ,
वशिष्ठ !

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बुधवार, ९ डिसेंबर, २०१५

चौदा विद्या आणि चौसष्ठ कला

१४ विद्या आणि ६४ कला याबद्द्ल अनेकांच्या मनात उत्सुकता असते. त्या १४ विद्या आणि ६४ कलांची ही ओळख.
चौदा विद्या
चार वेद + सहा वेदांगे + न्याय, मीमांसा, पुराणे व धर्मशास्त्र अश्या एकूण चौदा
वेद : १. ऋग्वेद २. यजुर्वेद ३. सामवेद ४. अथर्ववेद
सहा वेदांगे
१. व्याकरण- भाषेतील शब्दांच्या व्यवहाराचे शास्त्र.
२. ज्योतिष- ग्रहगती तथा सामुद्रिक जाणण्याची विद्या.
३. निरुक्त- वेदांतील कठीण शब्दांचे अर्थ सांगणारे शास्त्र.
४. कल्प- धार्मिक विधी- व्रतांचे वर्णन करणारे शास्त्र.
५. छंद- शब्दांची गानयोग्य रचना व काव्यवृत्ताचे ज्ञान.
६. शिक्षा- शिक्षण, अध्यापन व अध्ययन.
१. न्याय,
२. मीमांसा,
3. पुराणे
4. धर्मशास्त्र.
चौसष्ट कला
१. पानक रस तथा रागासव योजना - मदिरा व पेय तयार करणे.
२. धातुवद- कच्ची धातू पक्की व मिश्रधातू वेगळी करणे.
३. दुर्वाच योग- कठीण शब्दांचा अर्थ लावणे.
४. आकर ज्ञान - खाणींविषयी अंतर्गत सखोल ज्ञान असणे.
५. वृक्षायुर्वेद योग- उपवन, कुंज, वाटिका, उद्यान बनविणे.
६. पट्टिका वेत्रवाणकल्प- नवार, सुंभ, वेत इत्यादींनी खाट विणणे.
७. वैनायिकी विद्याज्ञान- शिष्टाचार व विनय यांचे ज्ञान असणे.
८. व्यायामिकी विद्याज्ञान- व्यायामाचे शास्त्रोक्त ज्ञान असणे.
९. वैजापिकी विद्याज्ञान- दुसऱ्यावर विजय मिळविणे.
१०. शुकसारिका प्रलापन- पक्ष्यांची बोली जाणणे.
११. अभिधान कोष छंदोज्ञान- शब्द व छंद यांचे ज्ञान असणे.
१२. वास्तुविद्या- महाल, भवन, राजवाडे, सदन बांधणे.
१३. बालक्रीडाकर्म- लहान मुलांचे मनोरंजन करणे.
१४. चित्रशब्दापूपभक्षविपाक क्रिया- पाकक्रिया, स्वयंपाक करणे.
१५. पुस्तकवाचन- काव्यगद्यादी पुस्तके व ग्रंथ वाचणे.
१६. आकर्षण क्रीडा- दुसऱ्याला आकर्षित करणे.
१७. कौचुमार योग- कुरुप व्यक्तीला लावण्यसंपन्न बनविणे.
१८. हस्तलाघव- हस्तकौशल्य तथा हातांनी कलेची कामे करणे.
१९. प्रहेलिका - कोटी, उखाणे वा काव्यातून प्रश्न विचारणे.
२०. प्रतिमाला - अंत्याक्षराची योग्यता ठेवणे.
२१. काव्यसमस्यापूर्ती - अर्धे काव्य पूर्ण करणे.
२२. भाषाज्ञान - देशी-विदेशी बोलींचे ज्ञान असणे.
२३. चित्रयोग - चित्रे काढून रंगविणे.
२४. कायाकल्प - वृद्ध व्यक्तीला तरुण करणे.
२५. माल्यग्रंथ विकल्प - वस्त्रप्रावरणांची योग्य निवड करणे.
२६. गंधयुक्ती - सुवासिक गंध वा लेप यांची निर्मिती करणे.
२७. यंत्रमातृका - विविध यंत्रांची निर्मिती करणे.
२८. अत्तर विकल्प - फुलांपासून अर्क वा अत्तर बनविणे.
२९. संपाठय़ - दुसऱ्याचे बोलणे ऐकून जसेच्या तसे म्हणणे.
३०. धारण मातृका - स्मरणशक्ती वृद्धिंगत करणे.
३१. छलीक योग- चलाखी करून हातोहात फसविणे.
३२. वस्त्रगोपन- फाटकी वस्त्रे शिवणे.
३३. मणिभूमिका - भूमीवर मण्यांची रचना करणे.
३४. द्यूतक्रीडा - जुगार खेळणे.
३५. पुष्पशकटिका निमित्त ज्ञान - प्राकृतिक लक्षणाद्वारे भविष्य सांगणे.
३६. माल्यग्रथन - वेण्या, पुष्पमाला, हार, गजरे बनविणे.
३७. मणिरागज्ञान - रंगावरून रत्नांची पारख करणे वा ओळखणे.
३८. मेषकुक्कुटलावक - युद्धविधी- बोकड, कोंबडा इ.च्या झुंजी लावणे.
३९. विशेषकच्छेद ज्ञान - कपाळावर लावायच्या तिलकांचे साचे करणे.
४०. क्रिया विकल्प - वस्तूच्या क्रियेचा प्रभाव उलटविणे.
४१. मानसी काव्यक्रिया - शीघ्र कवित्व करणे.
४२. आभूषण भोजन - सोन्या-चांदी वा रत्नामोत्यांनी काया सजवणे.
४३. केशशेखर पीड ज्ञान - मुकुट बनविणे व केसात फुले माळणे.
४४. नृत्यज्ञान - नाचाविषयीचे शास्त्रोक्त सखोल ज्ञान असणे.
४५. गीतज्ञान - गायनाचे शास्त्रीय सखोल ज्ञान असणे.
४६. तंडुल कुसुमावली विकार - तांदूळ व फुलांची रांगोळी काढणे.
४७. केशमार्जन कौशल्य - मस्तकाला तेलाने मालीश करणे.
४८. उत्सादन क्रिया - अंगाला तेलाने मर्दन करणे.
४९. कर्णपत्र भंग - पानाफुलांपासून कर्णफुले बनविणे.
५०. नेपथ्य योग - ऋतुकालानुसार वस्त्रालंकाराची निवड करणे.
५१. उदकघात - जलविहार करणे. रंगीत पाण्याच्या पिचकारी करणे.
५२. उदकवाद्य - जलतरंग वाजविणे.
५३. शयनरचना - मंचक, शय्या व मंदिर सजविणे.
५४. चित्रकला - नक्षी वेलवुट्टी व चित्रे काढणे.
५५. पुष्पास्तरण - फुलांची कलात्मक शय्या करणे.
५६. नाटय़अख्यायिका दर्शन - नाटकांत अभिनय करणे.
५७. दशनवसनांगरात - दात, वस्त्रे, काया रंगविणे वा सजविणे.
५८. तुर्ककर्म - चरखा व टकळीने सूत काढणे.
५९. इंद्रजाल - गारुडविद्या व जादूटोणा यांचे ज्ञान असणे.
६०. तक्षणकर्म - लाकडावर कोरीव काम करणे.
६१. अक्षर मुष्टिका कथन - करपल्लवीद्वारे संभाषण करणे.
६२. सूत्र तथा सूचीकर्म - वस्त्राला रफू करणे.
६३. म्लेंछीतकला विकल्प - परकीय भाषा ठाऊक असणे.
६४. रत्नरौप्य परीक्षा - अमूल्य धातू व रत्ने यांची पारख करणे.
                      
            

बुधवार, २ डिसेंबर, २०१५

ग्रामसभा


विकास कसा होतो व आपली त्यातील जबाबदारी

जशी लोकसभा, विधानसभा तशी ग्रामसभा. लोकसभेचे सभासद खासदार असतात. विधानसभेचे सभासद आमदार असतात. तसेच ग्रामसभेचे सभासद मतदार असतात.

माणूस १८ वर्षाचा झाला कि त्याला मतदान करण्याचा अधिकार मिळतो. मग तो प्रत्येक नागरिक आपोआपच ग्रामसभेचा सदस्य बनतो. एकदा सदस्य झाला कि तो मरेपर्यंत सदस्य असतो. ग्रामसभेला निवडणूक नाही. गावातील प्रत्येक मतदार नागरिक हा ग्रामसभेचा सदस्य आहे.

ग्रामसभेत हजर राहण्याचा, ग्रामसभेत मत, विचार मांडण्याचा प्रत्येक नागरिकाला अधिकार आहे. बहुमतांनी ठराव पास / नापास करण्याचा, मत देण्याचा अधिकार प्रत्येक नागरिकाला आहे.

जसे हे अधिकार आहेत तसेच हे अधिकार बजावण्याचे प्रत्येक नागरिकांचे कर्तव्य आहे. गावातील ग्रामपंचायत आपण सांगतो तशी चालविणे, चालते कि नाही हे पाहणे हे प्रत्येक नागरिकांचे कर्तव्य आहे.

ग्रामसभेत जे ठरेल, जे ठराव होतील त्याची अंमलबजावणी करणे ग्रामपंचायतीवर बंधनकारक आहे. जर ग्रामसभेला गेलो नाही, आपण सांगतो त्याप्रमाणे ठराव करून घेतले नाहीत, तर ग्रामपचायतीमध्ये ग्रामसेवक, सरपंच उपसरपंच व सदस्यांचा मनमानी कारभार चालेल.

अनेक गावात प्रत्यक्षात ग्रामसभा होत नाहीत. ग्रामसभेच्या ८ दिवस आधी लोकांच्या सह्या घेतल्या जातात, किंवा खोट्या सह्या / अगन्ठे  घेतात. व सरपंच / ग्रामसेवक मनानेच खोटे ठराव घेवून पंचायत समितीत पाठवून देतात. यामुळे प्रत्यक्षात गावात फार मोठा भ्रष्टाचार होवूनही लोकांना माहिती असू शकत नाही.

वर्षातून किमान ६ ग्रामसभा घेणे ग्रामपंचायतीवर बंधनकारक आहे. ६ पेक्षा जास्त घेतल्या तर हरकत नाही. पैकी ४ ग्रामसभांच्या तारखाही फिक्स आहेत.

२६ जानेवारी            - प्रजासत्ताक दिन
१   मे                       - कामगार दिन
१५ ऑगस्ट              - स्वातंत्र्य दिन
२   ऑक्टोबर           - गांधी जयंती

या दिवशी ग्रामसभा भरविणे बंधनकारक आहे. ग्रामसभेची नोटीस हि सभेच्या तारखेपूर्वी १० दिवस आधी बजावावी लागते. नोटीस हि ग्रामपंचायत कार्यालयात तसेच सर्वाना पाहता येईल, व सहजपणे वाचता येईल अशा ठिकाणी लावून प्रसिद्ध करावी लागते. तसेच सभेच्या ८ दिवस अगोदर व सभेच्या एक दिवस अगोदर अश दोन वेळा प्रत्येक वार्डात, वाडीत सविस्तर दवंडी हि द्यावी लागते.

सभेचा अध्यक्ष

आर्थिक वर्षातील पहिल्या ग्रामसभेचा अध्यक्ष तसेच निवडणुकीनंतरचा पहिल्या ग्रामसभेचा अध्यक्ष सरपंच असतो. सरपंचांच्या गैरहजेरीत उपसरपंच हा अध्यक्ष असतो बाकी उर्वरित ग्रामसभेचा अध्यक्ष मतदारांनी बहुमताने निवडून दिलेला व्यक्ती हा ग्रामसभेचा अध्यक्ष असतो.

ग्रामसभेत कसे बोलावे ?

ग्रामसभेत मतदारांना बोलण्याचा अधिकार आहे. मतदारांनी ग्रामसभेच्या अध्यक्षाची परवानगी घेवून बोलावे तसेच उभे राहून अध्यक्षांना अध्यक्ष महाराज असे संबोधून त्यांचेकडे पाहून बोलावे. अध्यक्षांनी सुद्धा माहिती विचारणाऱ्याकडे पाहून बोलावे.

सभेत मतदारांच्या प्रश्नाला फक्त अध्यक्षच उत्तर देवू शकतात. इतरांना उत्तरे देण्याचा अधिकार नाही.

सभेचे कामकाज

ग्रामसेवक हा ग्रामसभेचा सचिव असतो. ग्रामसभेचे इतिवृत्त सचिव तयार करून व्यवस्थित ठेवतो. मात्र त्याच्या अनुपस्थित अध्यक्ष सांगेल तो शिक्षक, तलाठी, अंगणवाडी सेविका या सारख्या शासकीय/ निमशासकीय / ग्रामपंचायत कर्मचारी तयार करील.

अत्यंत महत्वाचे -

पुढील ग्रामसभेत ज्या विषयांचे ठराव व्हावेत असे आपणास वाटते, त्याचे निवेदन तयार करून तसा विनंती अर्ज सभेच्या ८ दिवस आधी ग्रामपंचायतीत जमा करून त्याची पोच घ्यावी.

ग्रामसभेत ठराव मांडावा, त्यावर बहुमत घेण्यास भाग पाडावे. ठराव पास . नापास झालेला प्रोसिडिंग बुक मध्ये लिहिला कि नाही. ठराव जसा झाला तसाच लिहिला कि बदल करून लिहिला हे शिकलेल्या मुलाकडून मोठ्याने वाचून घ्यावे. अन्यथा ठराव होवूनही प्रोसिडिंग बुकात न लिहिणे किंवा चुकीचा लिहिणे हे प्रकार सर्रास घडतात.

ग्रामसभेत आपण रस्ता, पाणी, गटार, वीज, शिक्षण, आरोग्य, शौचालये, रेशन, रोजगार, घरकुले, असे कोणतेही नागरी, सार्वजनिक हिताचे प्रश्न उपस्थित करू शकतो व त्यावर चर्चा घडवून आणू शकतो व ठराव करण्यास भाग पडू शकतो.

आपण जर नियमितपणे ग्रामसभेत उपस्थित राहिलो व ग्रामसभेत सहभाग दिला व ग्रामपंचायतीच्या कारभारात हस्तक्षेप केला तर आपणास गावातील कोणत्याही अडचणीसाठी तालुका, जिल्ह्याच्या गावी जाण्याची गरज नाही.

आर्थिक वर्षातील पहिली ग्रामसभा ग्रामपंचायतीच्या कार्यालयात घेणे बंधनकारक आहे. तसेच उर्वरित ग्रामसभा इंग्रजी मुळाक्षरांच्या (अल्फाबेटिकल्स प्रमाणे) अद्याक्षरांप्रमाणे इतर वाडे, वस्तीवर घ्याव्यात.

आपण जर निवेदन दिले कि, अमुक तारखेला अमुक वाजता, अमुक या ठिकाणी ग्रामसभा घ्यावी, तर त्या प्रमाणे ग्रामसभा घ्यावी लागते.

आपण जर ग्रामसभेला गेलो तर आपला रोज बुडेल असे वाटत असेल तर आदल्या ग्रामसभेला पुढील ग्रामसभेची वेळ ठरवून घ्यावी. किंवा निवेदन देवून सांगावे.

संध्याकाळी किंवा सकाळी लवकर देखील मतदारांच्या सोयीच्या वेळेत ग्रामसभा घेणे बंधनकारक आहे.

जर ग्रामसभेच्या दिवशी लग्न / मयत किंवा महत्वाचे कार्यक्रम असतील तर निवेदन देवून नागरिकांच्या सोयीच्या दिवशी ग्रामसभा भरविण्यास सुचवता येवू शकते.

प्रत्येक  ग्रामसभेपुर्वी एक दिवस अगोदर महिलांची ग्रामसभा घेणे आवश्यक आहे. त्या सभेमध्ये पारित झालेले ठराव जसेच्या तसे ग्रामसभेने मान्य करावे लागतात.

जर आपल्या ठरावाची नोंद इतीव्रूत्तात नसेल तर आपन ग्रामसभेचे विडिओ रिकोर्डिंग मागवुन तपासु शकतो.

सशक्त नागरीक सशक्त गाव .

मंगळवार, १ डिसेंबर, २०१५

सामान्य ज्ञान

महान हस्तियों का जन्म
 
Jan...
12-1-1863 स्वामी विवेकानंद
28-1-1865 लाला लजपतराय
1-1-1894 जगदीश चंद्र बोंज
23-1-1897 सुभाष चंद्र बोंज
13-1-1949 राकेश शर्मा
20-1-1900 जनरल के.ऍम.    करिअप्पा
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Feb...

18-2-1486 महाप्रभु चेतन्य
18-2-1836 रामकुष्ण परमहंस
22-2-1873 मोहम्मद इकबाल
13-2-1879 सरोजिनी नायडु
29-2-1896 मोरारजी देसाइ
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March...

23-3-1910 डॉ. राममनोहर लोहिया
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April...

15-4-1469 गुरु नानक देवजी
14-4-1563 गुरु अर्जुन देवजी
14-4-1891 डॉ.भीमराव                   आंबेडकर
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May...

5-5-1479   गुरु अमरदास
31-5-1539 महाराणा प्रताप
6-5-1861   मोतीलाल नेहरु
7-5-1861   रविन्द्रनाथ टेगोर
9-5-1866   गोपालकृष्ण गोखले
24-5-1907 महादेवी वर्मा
2-5-1921   सत्यजित राय
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Jun...

26-6-1838 बंकिमचंद्र चट्टो         पाध्याय
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July...

23-7-1856 लोकमान्य तिलक
31-7-1880 प्रेमचंद मुनशी
29-7-1904 जे. आर. डी. टाटा
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Aug...

27-8-1910  मधर टेरेसा
29-8-1905  ध्यानचंद
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Sept...

26-9-1820 ईश्वरचंद्र           विद्यासागर
4-9-1825  दादाभाई नवरोजी
10-9-1887 गोविंद वल्लभ पंत
5-9-1888  डॉ. राधाकृष्ण
11-9-1895 विनोबा भावे
27-9-1907 भगतसिंह
15-9-1861 ऍम.विश्वसरेइया
15-9-1876 शरदचंद्र चटोपाध्याय
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Oct...

1-10-1847 डॉ. ऐनी.बेसन्ट
2-10-1869 महात्मा गांधीजी
22-10-1873 स्वामी रामतीर्थ
31-10-1875 सरदार वल्लभभाई पटेल
31-10-1889 आचार्य नरेन्द्रदवे
11-10-1902 जयप्रकाश नारायण
30-10-1909 डॉ. होमी भाभा
19-10-1920 पांडुरंग शास्त्रीजी
आठवले पु. दादा
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Nove...

13-11-1780 महाराणा रणजीतसिंह
4-11-1845 वासुदेव बळवंत फडके
7-11-1858 बिपिनचंद्र पाल
30-11-1858 जगदीशचंद्र बोज
5-11-1870 देशबंधु चितरंजनदास
11-11-1888 मौलाना आज़ाद
4-11-1889 जमनालाल बजाज
19-11-1917 श्रीमती इंदिरागांधी
23-11-1926 श्री सत्यसाई बाबा
4-11-1939 शकुंतलादेवी
12-11-1896 सलीमअली
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Des...

9-12-1484 महाकवि सूरदास
25-12-1861 मदनमोहन मालविया
27-12-1869 ठक्कर बापा
7-12-1879 चक्रवर्ती राजगोपालचारी
3-12-1884 डॉ. राजेन्द्रप्रसाद
30-12-1887 कनैयालालमुनशी
11-12-1931 राजेन्द्रकुमार जेन ओसो रजनीश
22-12-1887 रामानुजम

�� भारत के प्रमुख पदाधिकारी ��

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�� * राष्ट्रपति
�� श्री प्रणब मुखर्जी

�� * उप राष्ट्रपति
�� श्री हामिद अंसारी

�� * प्रधान मंत्री
�� श्री नरेंदर मोदी

�� * लोकसभा अध्यक्ष
�� श्रीमती सुमित्रा महाजन

�� * सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश
�� श्री एच एल दत्तू

�� * राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष
�� श्री के. जी.बाल क्रष्णन

�� * राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष
�� श्रीमती कुमारमंगलम्

�� * मुख्य चुनाव आयुक्त
�� श्री एच एस ब्रम्हा

�� * अटार्नी जनरल
�� श्री मुकुल रोहतगी

�� * सोलिसिटर जनरल
�� श्री रनजीत कुमार

�� * राष्ट्रीय विधि आयोग के अध्यक्ष
�� श्री ए पी शाह

�� * राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
�� श्री अजीत कुमार डोवल

��〽��〽��〽��〽��〽��〽��〽��〽��〽
भारत के सभी राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्री
**********************************************
राज्य ---- मुख्यमंत्री
तेलंगाना ----- के चंद्रशेखर राव
आन्ध्र प्रदेश ---- चन्द्रबाबू नायडू
अरुणाचल प्रदेश ---- नबम तुकी
असम ---- तरुण गोगोई
बिहार ........नितिश कुमार
छत्तीसढ ---- रमन सिंह
दिल्ली ------ अरविंद केजरीवाल
गोआ ----- लक्ष्मीकांत परेस्कर
गुजरात ----- आनंदीबेन पटेल
हरियाणा ----- मनोहर लाल खट्टर
हिमाचल प्रदेश ----- वीरभद्र सिंह
जम्मू और कश्मीर ----- मुफ्ती मुहम्मद
झारखण्ड ---- रघुवर दास
कर्नाटक ----- सिद्धारैया
केरल ------ ओमान चांडी
मध्य प्रदेश ------ शिवराज सिंह चौहान
महाराष्ट्र ----- देवेन्द्र फड़नवीस
मणिपुर ----- ओकराम इबोई सिंह
मेघालय ----- मुकुल संगमा
मिज़ोरम पु ----- ललथानवाला
नागालैण्ड ----- टी आर जेलियांग
ओडिशा ----- नवीन पटनायक
पॉण्डिचेरी ---- एन. रंगास्वामी
पंजाब ---- प्रकाश सिंह बादल
राजस्थान ---- वसुंधरा राजे सिंधिया
सिक्किम ---- पवन कुमार चामलिंग
तमिलनाडु ----ओ. पनीरसेल्वम्
त्रिपुरा ------ माणिक सरकार
उत्तराखण्ड ------ हरीश रावत
उत्तर प्रदेश ------ अखिलेश यादव
पश्चिम बंगाल ------ ममता बनर्जी
:::::: ��पंचायती राज��:::::::

�� संविधान के किस भाग में पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है—�� भाग-9

��पंचायती राज व्यवस्था किस पर आधारित है—�� सत्ता के विकेंद्रीकरण पर

�� पंचायती राज का मुख्य उद्देश्य क्या है— ��जनता को प्रशासन में भागीदारी योग्य बनाना

��किसके अंतर्गत पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है— ��नीति-निर्देशक सिद्धांत

�� संविधान के किस संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया है— ��75वें संशोधन

��75वें संशोधन में कौन-सी अनुसूची जोड़ी गई हैं— ��11वीं

��पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन हेतु कौन उत्तरदायी है— ��राज्य निर्वाचन आयोग

�� भारत में पंचायती राज अधिनियम कब लागू हुआ— ��25 अप्रैल, 1993

��सर्वप्रथम पंचायती राज व्यवस्था कहाँ लागू की गई— ��नागौर, राजस्थान में

�� राजस्थान में पंचायती राज व्यवस्था कहाँ लागू की गई— ��1959 को

��देश के सामाजिक व सांस्कृतिक उत्स्थान के लिए कौन-सा कार्यक्रम चलाया गया—�� सामुदायिक विकास कार्यक्रम

�� भारत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम कब आरंभ हुआ— ��2 अक्टूबर, 1952

�� किसकी सिफारिश पर भारत में पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना की गई ��बलवंत राय मेहता समिति

��पंचायती राज की सबसे छोटी इकाई क्या है— ��ग्राम पंचायत

�� बलवंत राय समिति के प्रतिवेदन के अनुसार महत्वपूर्ण संस्था कौन-सी है— ��पंचायत समिति

�� पंचायती राज संस्थाओं के संगठन के दो स्तर होने का सुझाव किसने दिया था— ��अशोक मेहता समिति

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��������������������नदियों के किनारों पर बसे
                विश्व के प्रमुख नगर��
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�� नगर   ��  नदी
〰��〰��〰
�� मास्को �� मोस्कवा नदी
�� कोलम्बो �� केलानी नदी
�� बगदाद �� टिगरिस नदी
��नई दिल्ली �� य मुनानदी
��बेलग्रेड �� डेन्यूब नदी
��आगरा �� यमुनानदी
�� बर्लिन �� स्ट्री नदी
�� हरिद्वार �� गंगा नदी
�� बुडापेस्ट �� डेन्यूब नदी 
�� कानपुर �� गंगानदी
�� काहिरा �� नील नदी
�� नासिक �� गोदावरी नदी
�� करांची  �� सिन्धु नदी
�� उज्जैन �� क्षिप्रा नदी
�� लन्दन ��  टेम्स नदी
�� श्रीनगर �� झेलमनदी
�� लाहौर �� रावी नदी
�� इलाहाबाद �� गंगा-यमुना
�� न्यूयार्क �� हडसन नदी
�� अहमदाबाद �� साबरमती
�� पेरिस �� सीन नदी 
�� कोलकात्ता ��  हुगली
�� रोम �� टाईबर नदी
�� गुवाहाटी �� ब्रह्मपुत्र
�� शंघाई �� यांगटिसिक्यांग
�� जबलपुर �� नर्मदा
��टोकियो  �� सुमीदा नदी
�� सूरत �� ताप्ती
�� विएना ��  डेन्यूब नदी  o
�� हैदराबाद ��  मूसी
�� वारसा  �� विस्तुला न दी
�� लखनऊ �� गोमती
�� वाशिंगटन �� पोटोमेक नदी ।
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बहुत मुश्किल से जानकारी जुटाई है कृप्या शेयर जरुर करे
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▪ " महाराष्ट्रा "बाबत माहिती▪
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�� स्थापना-01 मे 1960
�� राज्यभाषा - मराठी
�� एकूण तालुके-353
�� पंचायत समित्या 351
�� एकूण जिल्हा परिषद-33
�� आमदार विधानसभा 288
�� आमदार विधानपरीषद 78
�� महाराष्ट्र लोकसभा सदस्य 48
�� सुमद्रकिनारा-720 किमी
�� नगरपालिका- 230
�� महानगरपालिका-26
�� शहरी भाग - 45%
�� ग्रामीण भाग 55%
�� लोकसंख्या बाबतीत 2 रा क्रमांक
�� क्षेत्रफळात 3 रा क्रमांक
�� संपुर्ण साक्षर 1ला जिल्हा सिंधुदुर्ग
�� सर्वात कमी साक्षर जिल्हा नंदूरबार
�� महाराष्ट्रातील सर्वाधिक लोकसंख्या - मुंबई उपनगर
�� महाराष्ट्रातील सर्वात कमी लोकसंख्या जिल्हा - नंदूरबार
�� महाराष्ट्रातील सर्वाधिक जंगले असलेला जिल्हा - गडचिरोली
�� महाराष्ट्रातील कमी जंगल असेलला जिल्हा - बीड
�� महाराष्ट्रातील सर्वाधिक आदिवासी असलेला जिल्हा - नंदूरबार
�� महाराष्ट्रातील अधिक तलावांचा जिल्हा - गोंदिया
�� महाराष्ट्रातील क्षेत्रफळाने सर्वात मोठा जिल्हा - अहमदनगर
�� महाराष्ट्रातील क्षेत्रफळाने सर्वात लहान जिल्हा - मुंबई शहर
�� महाराष्ट्रातील उंच शिखर -कळसूबाई(1646मी) कल्याण जवळ
�� महाराष्ट्रातील सर्वात लांब नदी - गोदावरी
�� महाराष्ट्रातील सर्वात लहान राष्ट्रीय महामार्ग - न्हावाशेवा पळस्पे 27 किमी
�� महाराष्ट्रातील सर्वात जुनी नगरपालिका - रहिमतपूर ( सांगली )
�� पहिले मातीचे धरण गोदावरी - (गंगापूर) नदीवर
�� महाराष्ट्रात सर्वात जास्त समुद्र किनारा - मुंबई
�� जगातील पहिले जैव तंत्रज्ञान विद्यापीठ - नागपूर
�� भारतातील सर्वात मोठे नैसर्गिक बंदर मुंबई