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गुरुवार, १४ जुलै, २०१६

तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी,

✍��
☄ *तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी,*
*हैरान हूँ मैं*
*तेरे मासूम सवालों से,*
*परेशान हूँ मैं.....*

किती वर्ष झाली हे गाणे ऐकतोय/बघतोय पण,  कधी पण हे गाणे ऐकताना वेगळाच आनंद मिळतो. कधी गुलजार यांची शब्दरचना, त्याच्यातील तरलता आणि सहज सुंदर शब्द तर कधी आरडींचे संगीत आणि या दोघा दिग्गजांना तितक्याच ताकदीने साथ देणार्या गायकांची कमाल...
लता मंगेशकर आणि अनुपजींची.....

*या गाण्यातील प्रत्येक ओळ, शब्द हे मनाला हलकेच स्पर्श करतात आणि जीवनाचा अर्थ तपासुन पहायला भाग पाडतात.*

तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी,
हैरान हूँ मैं
तेरे मासूम सवालों से,
परेशान हूँ मैं.

खरच आपल्या आयुष्यात असे किती तरी वेळा असे साधे-साधे प्रश्न येतात, ज्याची आपण उत्तरे शोधायची प्रयत्न करतो ....
कधी मिळतात तर कधी तसेच सोडुन द्यावे लागतात ......

जीने के लिए सोचा ही नहीं
दर्द संभालने होंगे
मुस्कुराये तो मुस्कुराने के
क़र्ज़ उतारने होंगे
मुस्कुराऊं कभी तो लगता है
जैसे होंठों पे क़र्ज़ रखा है

प्रत्येक माणसाची राहिलेली काही स्वप्न, काही ईच्छा किंवा काही झालेल्या चुका..... ज्या आपल्याला बरोबर घेऊन आपले आयुष्य हे जगावेच लागते आणि मग कधी कधी अचानक जगता जगता लक्षात येते कि आपण जे हे हसतो आहोत, आनंद घेतो आहोत याचे देणे आपण एकतर दिलेले असते किंवा द्यायचे बाकी असते. अशी काही दुखे असतात की आपल्याला ती बरोबर घेऊन सर्वांपासुन लपवुन हसत हसत जगावेच लागते ....
जणु काही हा दु:खे म्हणजे, जगण्यासाठी घेतलेली कर्जच असतात. अन् ती फेडावीच लागतात .

ज़िन्दगी तेरे गम ने हमें
रिश्ते नए समझाए
मिले जो हमें धूप में मिले
छाँव के ठन्डे साये

किती सुंदर कडवे आहे, हे अगदी खरय आपल्या आयुष्यात येणार्या दु:खानीच आपल्याला खरी नाती लक्षात येतात. उन्हामध्ये जश्या थंड सावलीचे भास होतात तसेच या काळात खोटी सहानुभूती दाखवणारेच जास्त भेटतात.

आज अगर भर आई है
बूंदे बरस जाएगी
कल क्या पता किन के लिए
आँखें तरस जाएगी
जाने कब गुम हुआ कहाँ खोया
इक आंसू छुपा के रखा था

आज असे वाटते की ज्या भावना मी जगापासुन लपवुन ठेवल्या आहे त्या आज बरसुन जातील ... तर काय सांगता येते कुणाच्या येण्याची वाट बघता बघता हे डोळे शुष्क होउन जातील ..... या साठीच एक अश्रू लपवला होता, काय माहिती तो हरवला कि गायब झाला.... !!!!

असे हे सगळे सहन करत आनंदाने *जगायचे असते* .... *जगायचे असते.*
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रविवार, २६ जून, २०१६

अच्छी बहू ....

अच्छी बहू बनना चाहती है तो
       रखें इन बातों का ध्यान।

➡ जब भी कोई लड़की शादी करके ससुराल आती है तो उसके मन में कई उमंगें उठ रही होती हैं कि वहां ऐसा होगा, वैसा होगा ।उसे लगता है कि जो अभी तक वह फिल्मों में देखती आई है, वैसी ही शानदार जिंदगी उसकी भी होगी लेकिन धीरे-धीरे जब जिम्मेदारियों का बोझ उस पर पड़ने लगता है तो उसे विवाह की वास्तविकता का बोध होता है । इसमें कोई शक नहीं है कि शादी एक ऐसा बंधन है जिसमें जीवन के अंतिम समय तक प्यार कायम रहता है । एक औरत चाहे तो अपने रिश्ते को बिगाड़ सकती है और चाहे तो अपनी सूझबूझ से इस रिश्ते को कभी न टूटने वाले पक्के धागे में पिरोकर रख सकती है ।
जब भी कोई लड़की बहु के रूप में अपने जीवन की शुरुआत करती है तो वह एक परफैक्ट बहू बनना चाहती है यदि आप भी अपने ससुराल की परफेक्ट बहु बनना चाहती है तो इन बातों को जरुर याद रखे।

➡ अपने सास-ससुर को माता-पिता जैसा सम्मान और देवर-ननद को भाई-बहन जैसा स्नेह दें । उनकी पसंद-नापसंद का ध्यान रखें और कभी भी शिकायत का मौका न दें ।

➡ आज तक घर के सभी फैसले आपकी सास लेती आई हैं । आप चाहे कितनी भी पढ़ी-लिखी या समझदार हों, कभी भी उनके मांगे बिना अपनी सलाह न दें । हां, यदि आपको लगे कि कुछ बेहतर हो सकता है तो अकेले में उनके सामने एक बार अपना पक्ष अवश्य रखें ।

➡ आपके पति पर घर की कई जिम्मेदारियां हैं । आपके पति से पहले वे घर के बेटे हैं । शादी होते ही उन्हें अपने पल्लू से बांधने की कोशिश न करें । कभी वह आपके लिए समय न निकाल पा रहे हों तो उन पर किसी तरह का कमैंट न करें और न ही उनके साथ के लिए कोई जिद करें । वह आपके हैं और सारी जिंदगी आपके ही रहने वाले हैं । समय साथ बिताने के लिए पूरी रात आपकी अपनी है । यदि आप कहीं बाहर घूमने जाते भी हैं तो घर आते समय कुछ खाने का सामान सबके लिए लेकर आएं । ऐसे में सब को लगेगा कि आपको उन सब का भी ख्याल है ।

➡ हर घर में सौ तरह की बातें होती हैं, उन्हें पर्दे में रखना ही बेहतर है । कभी भी ससुराल की बातें मायके में और मायके की बातें ससुराल में न करें । कभी-कभी बात सामने आने से दोनों पक्षों के लिए स्थिति शर्मसार हो सकती है और आप पर से भी विश्वास उठ सकता है । अत: किसी भी तरह की चुगलखोरी से दूर रहें ।

➡ रिश्तेदारों व पड़ोसियों की आदत होती है बहू के सामने सास की और सास के सामने बहू की बुराई करना । ऐसी अवस्था में पहली बार में ही बुराई करने वाले को चुप करा दें ।

➡ यदि ननद-देवर छोटे हैं और पढ़ रहे हैं तो उनकी पढ़ाई में मदद करें । जेठ-जेठानी हैं तो उन्हें भी बड़े भाई -भाभी जैसी इज्जत दें ।

➡ एक संस्कारी बहू के रूप में घर के सभी रीति-रिवाजों को पूरी श्रद्धा से निभाएं । अपनी सास से सभी त्यौहारों को पूजने और पकवान आदि बनाने के बारे में सीखें । घर में रोज पूजा करें ताकि आध्यात्मिकता और सकारात्मकता बनी रहे ।

➡ पति के ऑफिस से आते ही उनके कान न भरें । उन्हें चाय और बिस्किट्स दें व जब वे आराम कर लें और रिलैक्स हो जाएं तब उन्हें समस्या से अवगत कराएं ।

➡ यदि आप पढ़ी-लिखी हैं तो नौकरी करके घर चलाने में उनकी आर्थिक रूप से सहायता कर सकती हैं । इस बारे में सास-ससुर की अनुमति भी आवश्यक है ।

➡ पति की इज्जत करें, उन्हें खूब प्यार करें व उनकी हर जरूरत का ध्यान रखें ।

➡ यदि आप खाना बनाने में निपुण हैं तो नए-नए व्यंजन बना कर सब का दिल जीतने की कोशिश करें । घर को भी साफ-सुथरा रखें और हरेक सदस्य की जरूरत का सामान यथास्थान रखें ।

➡ मायके से मिले सामान की तारीफ न करें और न कभी मायके की अमीरी की डींगें हांकें । अपनी सास को अपनी हमराज बनाकर रखें व आप भी पूरी ईमानदारी से उनका साथ निभाएं ।

➡ यदि सास कभी आपको डांट दें तो पलट कर जवाब न दें । सोचें कि जब आपकी मां आपको डांटती थी तो क्या तब भी आप ऐसा करते थे ? यदि सास आपको कुछ समझा रही हैं तो बजाय गुस्सा करने के उनकी बातें ध्यान से सुने, आखिर वे आपके भले की ही बात कर रही होती हैं ।

➡ युवा देवर या ननद यदि गलत राह पर चलने लगें तो एक सही मार्गदर्शक के रूप में उनका मार्गदर्शन करें । उन्हें अच्छे-बुरे में फर्क समझाएं और बताएं कि कैसे इस वक्त सिर्फ उन्हें अपने करियर की ओर ध्यान देना है ।

✅ सच मानें, अगर आप अपने जीवन में छल-कपट से दूर रह कर विश्वास और प्यार के रंग भरेंगी तो आप सब की फेवरिट बन जाएंगी और सब आप से प्यार करेंगे।

रविवार, १५ मे, २०१६

नौ (९) आदतों से नवग्रहो का सम्मान कर सुधारें अपना घर - जीवन

ज्योतिष के अनुसार नौ (९) आदतों से नवग्रहो का सम्मान कर सुधारें अपना घर  - जीवन :��
१)��::
अगर आपको कहीं पर भी थूकने की आदत है तो यह निश्चित है
कि आपको यश, सम्मान अगर मुश्किल से मिल भी जाता है तो कभी टिकेगा ही नहीं . wash basin में ही यह काम कर आया करें ! यश,मान-सम्मान में अभिवृध्दि होगी।

२)��::
जिन लोगों को अपनी जूठी थाली या बर्तन वहीं उसी जगह पर छोड़ने की आदत होती है उनको सफलता कभी भी स्थायी रूप से नहीं मिलती.!
बहुत मेहनत करनी पड़ती है और ऐसे लोग अच्छा नाम नहीं कमा पाते.! अगर आप अपने जूठे बर्तनों को उठाकर उनकी सही जगह पर रख आते हैं तो चन्द्रमा और शनि का आप सम्मान करते हैं ! इससे मानसिक शांति बढ़ कर अड़चनें दूर होती हैं।

३)��::
जब भी हमारे घर पर कोई भी बाहर से आये, चाहे मेहमान हो या कोई काम करने वाला, उसे स्वच्छ पानी ज़रुर पिलाएं !
ऐसा करने से हम राहु का सम्मान करते हैं.!
जो लोग बाहर से आने वाले लोगों को हमेशा स्वच्छ पानी  पिलाते हैं उनके घर में कभी भी राहु का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता.! अचानक आ पड़ने वाले कष्ट-संकट नहीं आते।

४)��::
घर के पौधे आपके अपने परिवार के सदस्यों जैसे ही होते हैं, उन्हें भी प्यार और थोड़ी देखभाल की जरुरत होती है.!
जिस घर में सुबह-शाम पौधों को पानी दिया जाता है तो हम बुध, सूर्य और चन्द्रमा का सम्मान करते हुए परेशानियों का डटकर सामना कर पाने का सामर्थ्य आ पाता है ! परेशानियां दूर होकर सुकून आता है।
जो लोग नियमित रूप से पौधों को पानी देते हैं, उन लोगों को depression, anxiety जैसी परेशानियाँ नहीं पकड़ पातीं.!

५)��::
जो लोग बाहर से आकर अपने चप्पल, जूते, मोज़े इधर-उधर फैंक देते हैं, उन्हें उनके शत्रु बड़ा परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए अपने चप्पल-जूते करीने से लगाकर रखें, आपकी प्रतिष्ठा बनी रहेगी।

६)��::
उन लोगों का राहु और शनि खराब होगा, जो लोग जब भी अपना बिस्तर छोड़ेंगे तो उनका बिस्तर हमेशा फैला हुआ होगा, सिलवटें ज्यादा होंगी, चादर कहीं, तकिया कहीं, कम्बल कहीं ?
उसपर ऐसे लोग अपने पुराने पहने हुए कपडे़ तक फैला कर रखते हैं ! ऐसे लोगों की पूरी दिनचर्या कभी भी व्यवस्थित नहीं रहती, जिसकी वजह से वे खुद भी परेशान रहते हैं और दूसरों को भी परेशान करते हैं.!
इससे बचने के लिए उठते ही स्वयं अपना बिस्तर समेट दें.! जीवन आश्चर्यजनक रूप से सुंदर होता चला जायेगा।

७)��::
पैरों की सफाई पर हम लोगों को हर वक्त ख़ास ध्यान देना चाहिए, जो कि हम में से बहुत सारे लोग भूल जाते हैं ! नहाते समय अपने पैरों को अच्छी तरह से धोयें, कभी भी बाहर से आयें तो पांच मिनट रुक कर मुँह और पैर धोयें.!
आप खुद यह पाएंगे कि आपका चिड़चिड़ापन कम होगा, दिमाग की शक्ति बढे़गी और क्रोध
धीरे-धीरे कम होने लगेगा.! आनंद बढ़ेगा।

८)��::
रोज़ खाली हाथ घर लौटने पर धीरे-धीरे उस घर से लक्ष्मी चली जाती है और उस घर के सदस्यों में नकारात्मक या निराशा के भाव आने लगते हैं.!
इसके विपरीत घर लौटते समय कुछ न कुछ वस्तु लेकर आएं तो उससे घर में बरकत बनी रहती है.!
उस घर में लक्ष्मी का वास होता जाता है.! हर रोज घर में कुछ न कुछ लेकर आना वृद्धि का सूचक माना गया है.!
ऐसे घर में सुख, समृद्धि और धन हमेशा बढ़ता जाता है और घर में रहने वाले सदस्यों की भी तरक्की होती है.!

९)��..
जूठन बिल्कुल न छोड़ें । ठान लें । एकदम तय कर लें। पैसों की कभी कमी नहीं होगी।
अन्यथा नौ के नौ गृहों के खराब होने का खतरा सदैव मंडराता रहेगा। कभी कुछ कभी कुछ । करने के काम पड़े रह जायेंगे और समय व पैसा कहां जायेगा पता ही नहीं चलेगा।
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अच्छी बातें बाँटने से दोगुनी तो होती ही हैं
- अच्छी बातों का महत्त्व समझने वालों में आपकी इज़्जत भी बढ़ती है।

शनिवार, १२ डिसेंबर, २०१५

सुखी वैवाहिक जीवन का राज

सुखी वैवाहिक जीवन का राज
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एक दंपत्ति नें जब अपनी शादी की 25
वीं वर्षगांठ मनायी त ो एक पत्रकार
उनका साक्षात्कार लेने पहुंचा.

वो दंपत्ति अपने शांतिपुर्ण और सुखमय
वैवाहिक जीवन के लिये प्रसिद्ध थे.
उनके बीच
कभी नाम मात्र का भी तकरार नहीं हुआ था.

लोग उनके इस सुखमय वैवाहिक जीवन का राज
जानने को उत्सुक थे.....

पति ने बताया :
हमारी शादी के फ़ौरन बाद हम हनीमुन मनाने
शिमला गये. वहाँ हम लोगो ने घुड़सवारी की.
मेरा घोड़ा बिल्कुल ठीक था
लेकिन मेरी पत्नी का घोड़ा थोड़ा नखरैल था.

उसने दौड़ते दौड़ते अचानक मेरी पत्नी को गिरा दिया.

मेरी पत्नी उठी और घोड़े के पीठ पर हाथ फ़ेर
कर कहा :
"यह पहली बार है",

और फ़िर उसपर सवार
हो गयी. थोड़े दुर चलने के बाद घोड़े ने फ़िर उसे
गिरा दिया. पत्नी ने घोड़े से फ़िर कहा : "यह
दुसरी बार है",

और फ़िर उस पर सवार हो गयी.
लेकिन थोड़े दुर जा कर घोड़े ने फ़िर उसे
गिरा दिया.
अबकी पत्नी ने कुछ नहीं
कहा.
चुपचाप अपना पर्स खोला,
पिस्तौल निकाली और घोड़े को गोली मार दी.

मुझे देखकर काफ़ी गुस्सा आया और मैं जोर से पत्नी पर चिल्लाया : "ये तुमने क्या किया, पागल हो गयी हो?"

पत्नी ने मेरी तरफ़ देखा और कहा :

"ये पहली बार है"

और बस उसके बाद से हमारी ज़िंदगी सुख और
शांति से चल रही है |||