रविवार, १५ नोव्हेंबर, २०१५

सुखी होने के तरीके हैं - श्री कल्पेश शिरसाठ

हमेशा खुशहाल बने रहने की
इच्छा रखने का अर्थ यह कदा पि
नहीं होता कि हम ये मनाने बैठ
जाएँ कि"हे ईश्वर"मुझे कभी
कष्ट न देना !

दुःख और कष्ट तो अपने समय
पर आयेंगे ही उसी"ईश्वर"ने
हमें जन्म के साथ ही होंठों पर
मुस्कान के साथ साथ आँखों में
आंसुओं की भी व्यवस्था की है ।

हमेशा खुशहाल रहने का अर्थ
है कि हम कष्टों को भी खुले
दिल से स्वीकार करें ।

और उनसे विचलित न होकर
मन को शांत बनाये रखें ।

कष्टों का मुकाबला करने की
ताकत पैदा कर पाना ही
सुख का पहला सूत्र है ।

सीधे शब्दों में दुनिया मुझे क्या
देती है ये उसकी मर्ज़ी है,,

लेकिन मैं उसे किस तरह से
स्वीकार करता हूँ उसके प्रति मैं
कैसी प्रतिक्रिया देता हूँ,

ये पूरी तरह मेरे ऊपर निर्भर है ।

इसे कोई मुझसे नहीं छीन सकता !

रोना बुरा नहीं है लेकिन हमेशा
रोते रहना वाकई बुरा है ।

दूसरों की मदद करना माफ़ कर
देना और माफ़ी मांग लेना..

ये सब सुखी होने के सबसे
आसान और आज़माए हुए
तरीके हैं !!

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