आपने गन्ना देखा है ना । 
उसमें जिस जगह गांठ होती है वहां रस नहीं होता और
जहां रस होता है वहां गांठ नहीं होती । 
बस जीवन भी ऐसा ही है ।
यदि मन में व्यक्तियों के प्रति द्वेष की गांठ होगी 
तो जीवन नीरस बन जायेगा और 
जीवन को सरस बनाये रखना हो 
तो द्वेष की गांठ निकालना होगी ।
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