21-01-2016 ॥ आज का भगवद चिन्तन-श्री राधे
दुनियाँ भर के साहित्य को पढ़ने और अनेक उपाधियों को अर्जित करने के बावजूद भी यदि आप अपने जीवन की, अपनी स्वयं की किताब पढ़ने से वंचित रह गए। तो समझ लेना आपका सारा ज्ञान, सारी विद्याएं महाभारत के उस पात्र (कर्ण) के समान हैं जो आवश्यकता पड़ने पर अपने द्वारा अर्जित ज्ञान को ही भूल गया था।
जीवन की सबसे सुन्दर और सबसे उपयोगी शिक्षा अगर कोई है तो वो है स्वयं का अध्ययन। आज का आदमी स्वाध्याय करना तो जनता है मगर स्वयं का अध्याय पढ़ना नहीं जानता। इससे वह प्रगति के बहुत पास पहुँच कर भी अपने से बहुत दूर चला गया है।
सुबह जागो तो बिचार करो कि कल मैंने ऐसा कौन सा पाप किया जो रात भर नींद नहीं आई। रात को सोते वक्त बिचार करो कि आज कौन सा पुन्य बना जिसके कारण मै शांति अनुभव कर रहा हूँ। बिचार करो मेरे कारण किसी की आँखों में आँसू तो नहीं आये। मेरे कारण कितने लोगों के चेहरे पर हँसी आई। अतः जीवन ही वो सच्ची किताब है जिसे पढ़कर आप आनन्द, शांति, और सफलता प्राप्त कर सकोगे।
JaiMadhav
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