जागों ..चिर निद्रा को त्यागों
# येशु के जन्म के 8वे दिन , यानि 1 जनवरी को येशु का खतना( circumcision) चर्च द्वारा किया गया और येशु का रक्त जमीन पर गिरा उसकी ख़ुशी में चर्च एक नविन युग का प्रारंभ हुआ है ऐसा मानाने लगा, और ईसाई नववर्ष मानाने की प्रथा शुरू हुई।
# तो आप New Year नही मना रहे, येशु का खतना दिन ( circumcision day) माना रहें हैं
# before Christ (B.C) और anno domini (A.D) ऐसी कालगणना है तो After christ AD येशु के जन्मदिन यानि 25 दिसम्बर से होंनी चाहिए, न की 1 जनवरी से।
इस पर विचार करें।
# अंग्रेजी कैलेंडर में 1300 वर्षों तक केवल 10 ही महीने थे। जिससे परिणाम ये हुआ की बरसात, गर्मी और ठंडी कभी जनवरी में आती तो कभी मई में तो कभी सितम्बर में।
# बहुत खोज के बाद उन्हें भारतीयों से ज्ञात हुआ की साल में 12 महीने होते है तो उन्होंने रोमन राजा Julius Cesar aur Augustine Cesar के नाम पर जुलाई और अगस्त महीने जोड़ें। तब जा कर सब कुछ ठीक हुआ।
# ईसाई संस्कृति के अंधे अनुयायी न बने।
क्या शिवाजी महाराज ने कभी न्यइयर मनाया,
क्या महाराणा प्रताप, गुरु गोबिंद, स्वामी विवेकानंद, बोस, भगतसिंह, आजाद, बाबा साहेब अम्बेडकर ने ईसाई नव वर्ष मनाया।
जागो
जागो
चिर निद्रा को त्यागो।
1 जनवरी का बहिष्कार करो,
हिंदू नववर्ष- गुढीपाडवा का इन्तेजार करो।
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ऊपर दीगयी जानकारी की सत्यता का प्रमाण (proof) के लिए google पर circumcision of Jesus और Julius Cesar, Augustine Cesar टाइप करके सर्च करें।
जागो ........... जागते रहो
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