गुरुवार, १९ नोव्हेंबर, २०१५

अच्छी बाते - श्री राहुल ठाकरे

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��मिली थी जिन्दगी,
किसी के 'काम' आने के लिए ।��

��पर वक्त बित रहा है,
कागज के टुकड़े कमाने के लिए ।��

��क्या करोगे,
इतना पैसा कमा कर..???��

��ना कफन मे 'जेब' है,
ना कब्र मे 'अलमारी..!'��

��और ये मौत के
फ़रिश्ते तो 'रिश्वत' भी नही लेते ।��

��खुदा की मोहब्बत
को फना कौन करेगा ?��

��सभी बंदे नेक
तो गुनाह कौन करेगा ?��

��"ए खुदा मेरे इन दोस्तो
को सलामत रखना...��

��वरना मेरी सलामती
की दुआ कौन करेगा ?��

��और रखना मेरे
दुश्मनो को भी मेहफूस...��

��वरना मेरी तेरे पास
आने की दुआ कौन करेगा ?"��

��खुदा ने मुझसे कहा, "इतने दोस्त
ना बना तू , धोखा खा जायेगा"��

��मैने कहा "ए खुदा, तू ये मेसेज
पढनेवालो से मिल तो सही,��

��तू भी धोखे से
दोस्त बन जायेगा ."����

��नाम छोटा है
मगर दिल बडा रखता हु ।��

��पैसो से
उतना अमीर नही हु ।��

��मगर अपने यारो के गम
खरिद ने की हैसयत रखता हु ।��

��मुझे ना हुकुम का ईक्का बनना है
ना रानी का बादशाह ।��

��हम जोकर ही अच्छे है
जिस के नसीब में आऐंगे, ��

��बाज़ी पलट देंगे।
        ♣ ♥ ♠ ♦ ��
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