गुरुवार, १९ नोव्हेंबर, २०१५

सूंदर विचार - श्री विशाल गुरव नागपुर

" है प्रभु ...
ना मेने तुन्हे देखा ,
ना कभी हम मिले ,
फिर ऐसा क्या रिश्ता है ?
दर्द कोई भी हो याद तेरी
ही आती है

:

यदि सफलता एक सुन्दर पुष्प है  तो विनम्रता उसकी सुगन्ध।
जिंदगी में जो चाहो हासिल कर लो, बस इतना ख्याल रखना कि, आपकी मंजिल का रास्ता, लोगो के दिलों को तोड़ता हुआ न गुजरे
       "अच्छी सोच"
          "अच्छा विचार"
               "अच्छी भावना"
मन को हल्का करता है!

_______________

जो सफर की
            शुरुआत करते हैं,
         वे मंजिल भी पा लेते हैं.
                   बस,
            एक बार चलने का
         हौसला रखना जरुरी है.
                 क्योंकि,
          अच्छे इंसानों का तो
      रास्ते भी इन्तजार करते हैं...!
       

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